कलयुग का श्रवण

ये हैं बंधन राठिया, जो पिछले 7 साल से अपनी माँ को गोद में उठाए घूम रहे हैं। जहाँ जाते है माँ को साथ रखते हैं। वास्तव में ये कलयुग के श्रवण कुमार हैं।

आज जहां वृद्धाश्रम भरे पड़े हैं और औलाद माता-पिता को साथ नहीं रखना चाहती, वहीं ऐसे भी लोग हैं जो ऐसी औलादों के मुंह पर तमाचा हैं।

मोबाइल की दुनिया से दूर कितने ही श्रवण कुमार रहते हैं जिन्हें हम नहीं जानते। इनके प्रति हमारा हृदय से सम्मान और उनको नमन करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *