
– विवेक रस्तोगी
भारत में शेयर बाजार की शुरुआत 1875 में हुई थी मतलब कि लगभग 150 वर्ष पूरे होने को आए हैं। 1875 में बीएसई यानी कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत हुई थी और उसके बाद एनएसई यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 1994 में हुई। इतने वर्षों में शेयर बाजार ने बहुत उतार-चढ़ाव देखे, कई प्रकार के नियमों में बदलाव देखे, कई राजाओं को रंक और रंक को राजा बनते हुए देखा है। समय के साथ-साथ विभिन्न तरह के वित्तीय उत्पादों ने बाजार में जगह ली। और उनमें होने वाले लूपहोल्स के कारण शेयर बाजार ने कई बार घोटालों का सामना भी किया। फिर उन सब को रेगुलेट करने के लिए और शेयरहोल्डर्स को सुरक्षा प्रदान करने के लिए रेगुलेटर की स्थापना हुई, जिसे हम सेबी के नाम से जानते हैं।
कोविड 2019 ने पूरे विश्व में भूचाल ला दिया और 2019 के बाद पूरे विश्व में शेयर बाजार में निवेश/ट्रेड करने वाले लोग बढ़ गए। जिसमें से 90% लोग ईजी मनी के कारण आ गए और उनमें से अधिकतर लोगों ने अपना पूरा पैसा गंवा दिया, क्योंकि उन्हें लगता था कि शेयर बाजार सट्टा बाजार है। जहां पर बहुत आसानी से पैसा बनाया जा सकता है और जो नई जनरेशन है, उन्हें शहर बाजार ऐसी जगह लगी, जहां से बिना मेहनत के ज्यादा पैसा कमाया जा सकता था। पर सभी लोग ऐसे नहीं थे बहुत से लोग नई जनरेशन के मैंने देखे हैं, जिन्होंने शेयर बाजार की बारीकियां को सीखा और उससे उन्होंने कई करोड़ रुपये बनाए और अपना और अपने परिवार का जीवन ही बदल दिया।
शेयर बाजार में अलग-अलग तरीके के उत्पाद हैं जिसके अंदर आप निवेश कर सकते हैं जैसे कि सीधे किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद सकते हैं या फिर म्युचुअल फंड खरीद सकते हैं या फिर किसी कंपनी के शेयर या इंडेक्स में डेरिवेटिव यानी की फ्यूचर एंड ऑप्शन में काम कर सकते हैं तो उसमें आपको अपना नेचर समझना होगा कि आप किस नेचर के हैं अगर आप बहुत एग्रेसिव हैं और त्वरित डिसीजन ले सकते हैं तो आपको डेरिवेटिव्स में काम करना चाहिए पर किसी भी काम को शुरू करने के पहले उसे अच्छे से सीखना चाहिए उसे समझना चाहिए।
अगर आपका व्यक्तित्व आलसी आदमी का है, तो आपको किसी अच्छी कंपनी के शेयर खरीद कर भूल जाना चाहिए और हर महीने या हर साल कुछ शेयरों को खरीदते रहना चाहिए। क्योंकि जब आप किसी बिजनेस में निवेश करते हैं और वह बिजनेस बढ़ता है तो शेयर के भाव भी स्वाभाविक रूप से बहुत बढ़ेंगे। इसके लिए आपको हर एक सेक्टर में किसी न किसी लीडर में इन्वेस्ट करना चाहिए या फिर कोई छोटी कंपनी जो आगे बहुत अच्छा कर सकती है उसमें निवेशित रहना चाहिए। आपका वह छोटा निवेश भविष्य में एक बहुत बड़ी रकम बन जाएगी।
अगर आपको शेयर बाजार में सीधा निवेश करने से भय लगता है, तो आप म्युचुअल फंड में निवेश करें। जिसमें अलग-अलग तरह के म्युचुअल फंड उपलब्ध हैं, जैसे कि लार्ज कैप म्युचुअल फंड, स्मॉलकैप एंड मिडकैप म्युचुअल फंड इत्यादि। म्युचुअल फंड को फंड मैनेजर मैनेज करते हैं और अगर ऐतिहासिक तौर पर रिटर्न देखे जायें, तो लंबी अवधि के निवेश में लगभग 15 से 18% हर साल का रिटर्न मिला है, जो की बहुत अच्छा रिटर्न होता है। जिसमें कि बैंक भी आजकल औसतन 6% रिटर्न देती हैं और मुद्रास्फीति की दर लगभग 9% है, तो शेयर बाजार में निवेश करके आप मुद्रास्फीति से अपने पैसे को बचा सकते हैं।
ध्यान रखें शेयर बाजार में निवेश करने के पहले अपने जोखिम का अवलोकन जरूर कर लें। क्योंकि जैसा प्रॉफिट होता है वैसे ही लॉस भी होता है, तो हमेशा अपना सरप्लस पैसा ही निवेश करें और निवेश करने से पहले खुद ही अच्छे से स्टडी करें या फिर किसी वित्तीय विशेषज्ञ से राय लें।
– विवेक रस्तोगी
