
मोहित शर्मा
हरिद्वार। श्रवणनाथ नगर में अवैध निर्माण थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि कुछ ही दिनों में बड़े-बड़े होटल खड़े कर दिए जाते हैं। मगर प्राधिकरण अधिकारी अपनी कार्यशैली के माध्यम से विभाग को राजस्व की लगातार हानि पहुंचा रहे हैं। मात्र नोटिस चश्पा कर विभागीय कार्रवाई पूरी कर दी जाती है और होटल बनकर तैयार हो जाते हैं।
सवाल यह भी उठता है कि छोटे से छोटे मकान और अवैध निर्माण को सील करने वाले प्राधिकरण अधिकारियों को नो कंस्ट्रक्शन जोन में इस निर्माण की भनक कैसे नहीं लगी। बड़ा सवाल यह है कि जो इमारत दो महीने पहले दो मंजिला थी वह नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित होने के बावजूद कैसे पांच मंजिल में तब्दील हो गई। मामला श्रवण नाथ नगर स्थित बाबा रामदास जय बाबा धर्मशाला वाली गली में हो रहे बहुमंजिला अवैध निर्माण का है जो निरंजनी अखाड़े की पार्किंग की बाउंड्री से सटा हुआ है। सूत्रों के अनुसार प्राधिकरण में नौसिखिया स्टाफ कार्य कर रहा है।
जिन्हें नियमों व कानून की जानकारी ही नहीं है। मात्र साइट विजिट कर ड्यूटी पूरी करने वाले स्टाफ के कारण ही अवैध निर्माण की भरमार नो कंस्ट्रक्शन जोन में लगी हुई है। अब देखना यह है कि निर्माणकर्ता एवं निर्माण के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है। अथवा ऐसे ही बिल्डरों के हौसले बुलंद रहेंगे और वह प्राधिकरण के नियमों को तक पर रखकर धर्मनगरी का स्वरूप बदलने में कामयाब होंगे।
विभाग को राजस्व का चूना लगा रहे बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई कर क्यों प्राधिकरण अधिकारी अपनी ईमानदारी का सबूत नहीं पेश कर पा रहे हैं। यह अधिकारी प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की साख पर भी बट्टा लगा रहे हैं। कुछ महीने से अपनी कार्यवाही कार्यशैली की वजह से सुर्खियों में आने वाला प्राधिकरण फिर से सवालों के घेरे में गिरता नजर आ रहा है।