ऋषिकेश/ हरिद्वार 20 अगस्त 2025 पं0 ललित मोहन शर्मा परिसर, श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में आज पुरातन छात्र सम्मेलन (Alumni Meet) का वर्चुअल माध्यम से सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश-विदेश में विभिन्न शीर्ष पदों पर कार्यरत पूर्व छात्रों का भव्य पुनर्मिलन हुआ, जिसमें अनुभवों के आदान-प्रदान ने विश्वविद्यालय के विकास की नई राहें प्रशस्त की।

कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी के स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने पूर्व छात्रों को “विश्वविद्यालय का गौरव” बताते हुए कहा—“यह सिर्फ एक मिलन समारोह नहीं, बल्कि स्मृतियों का उत्सव और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय परिवार के पुनर्मिलन का पावन अवसर है। आप सभी हमारी पहचान हैं और हमारी उपलब्धियों के असली प्रतिनिधि हैं।”
उन्होंने गर्वपूर्वक उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र आज उद्यमिता, शिक्षा, विज्ञान, पत्रकारिता और प्रशासन सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं। कुलपति ने उनसे वर्तमान विद्यार्थियों के मार्गदर्शन और प्रेरणा स्रोत बनने का आह्वान भी किया।
साथ ही प्रो0 जोशी ने विश्वविद्यालय की प्रगति की जानकारी साझा करते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप नवाचारपूर्ण पाठ्यक्रम, अत्याधुनिक सुविधाएं और शोध-नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने भविष्य की यात्रा में पूर्व छात्रों के निरंतर सहयोग का आग्रह किया।
पुरातन छात्र संघ के सचिव प्रो0 सुरमान आर्य ने संघ की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला, जबकि संघ के उपाध्यक्ष प्रो0 सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि “पुरातन छात्र किसी भी संस्थान की आधारशिला एवं नींव के पत्थर होते हैं।
उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ एन के जोशी का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके बाद राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत पूर्व छात्र डॉ0 लक्ष्मी नारायण जोशी, श्री एन0के0 गोयल, प्रो0 गुलशन कुमार ढ़ींगरा, श्री अनिरुद्ध़ उनियाल, श्री सत्तेंद्र कुमार, श्री कृष्ण उप्रेती, प्रो0 आदेश कुमार, श्री राजेश अत्रे, डॉ0 राजपाल रावत, श्री मनोज कुमार और डॉ0 चेतन गौड़ ने अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ0 प्रीती खंडूरी ने किया। आयोजन को सफल बनाने में परिसर की पुरातन छात्र समिति के डॉ0 शलिनी रावत, डॉ0 पुष्कर गौड़, डॉ0 जय प्रकाश कंसवाल, डॉ0 रीता खत्री और डॉ0 नीलाक्षी पांडे का विशेष योगदान रहा। अंत में परिसर निदेशक प्रो0 महाबीर सिंह रावत ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
यह सम्मेलन एक यादगार आयोजन साबित हुआ, जिसने न केवल पुरानी स्मृतियों को जीवंत किया बल्कि विश्वविद्यालय और उसके पूर्व छात्रों के बीच भविष्य के लिए मजबूत रिश्तों की नई नींव भी रखी