स्वदेश बुलेटिन
न कल्पना चावला मेरे देश की नागरिक थी,
और न सुनीता विलियम्स मेरे देश की नागरिक है।
और दोनों ही मेरे देश के लिए काम भी नहीं कर रही थी।
फिर भी वो भारतवंशी है
और उससे भी बढ़कर
अंदर और बाहर दोनों तरफ से बहुत ही मजबूत बहुत ही बहादुर महिला है। करोड़ों में कोई एक होता है जिसमें इतना स्टेमिना इतनी विल पॉवर होती है।
वो भी सबके जैसे मनुष्य हैं,
उनका भी परिवार है।

चिंताजनक है
सबका यूं मौन साध लेना
उस देश कि सरकार से लेकर मीडिया तक सब के सब मौन धारण किये हुए हैं।
जब वो गई थी
तब तो चारों तरफ़ ख़बरें ही ख़बरें थी
मीडिया उनकी फुटेज कवर को हाईलाइट करने मे पीछे नहीं रहा।
अब कुछ पता ही नहीं चल रहा है।
भले ही वो हमारे देश की न सही,
पर मानवता के नाते जानना तो सब चाहते हैं
कि आखिर वो है किस हाल में
किसी मिशन पर जब वो गई थी तब तो सब लोगों की निगाहें उन्ही पर थी मीडिया भी।
अब कैसे इतनी जल्दी भूल जाएगा कोई भी उनके इतने बड़े मिशन या कार्य को।
सुनीता जी शीघ्र सकुशल लौटें
मानव मात्र का कल्याण हो
उनके साथ साथ
सभी लोग स्वस्थ रहें आनंदपूर्वक रहें।