हरिद्वार। संस्कृति स्कूल के विद्यार्थियों ने रामकृष्ण मिशन सेवा का दौरा किया, जहाँ उनका हार्दिक स्वागत श्री और श्रीमती कृष्णमूर्ति अय्यर जी तथा मिशन की समर्पित टीम द्वारा किया गया।

इस यात्रा का नेतृत्व प्रधानाचार्या श्रीमती श्वेता सहगल ने किया, जिनके साथ शिक्षिकाएँ अरुणा, ललिता और ज्योति तथा डे-केयर स्टाफ कविता देवी और पूनम भी उपस्थित थीं। उनके मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने इस पवित्र और प्रेरणादायक स्थान का भ्रमण किया और “सेवा ही सर्वोच्च साधना है” का सच्चा अर्थ सीखा — कि दूसरों की सहायता करना वास्तव में ईश्वर की आराधना के समान है।

भ्रमण के दौरान बच्चों ने श्री रामकृष्ण परमहंस मंदिर का दर्शन किया, जहाँ उन्होंने गहन शांति और आध्यात्मिक आनंद का अनुभव किया। उन्होंने खेतों और गौशाला का भी निरीक्षण किया और सादगी, करुणा तथा निःस्वार्थ सेवा के मूल्य सीखे।
विद्यार्थियों ने “ॐ” का उच्चारण किया, आशीर्वाद प्राप्त किए और चरनामृत ग्रहण किया, जिससे वे भक्ति और कृतज्ञता के वातावरण में पूरी तरह से डूब गए। मिशन द्वारा बच्चों के लिए भोजन की सुंदर व्यवस्था और उपहार वितरण की स्नेहमयी पहल ने इस दिन को और भी विशेष बना दिया।
प्रधानाचार्या श्रीमती श्वेता सहगल ने मिशन के स्नेह और आतिथ्य के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे दौरे विद्यार्थियों में संस्कार, सहानुभूति और आध्यात्मिक जागरूकता के विकास में अत्यंत सहायक होते हैं।
टीम संस्कृति रामकृष्ण मिशन सेवा आश्रम के प्रति हार्दिक आभार प्रकट करती है, जिनकी ममता, प्रेरणा और सार्थक मार्गदर्शन ने इस यात्रा को सभी के लिए एक स्मरणीय और आत्मिक अनुभव बना दिया।