पहले कांवड आते ही एक पर्व का माहौल सा आ जाता था और सब लोग सड़कों पर खुशी खुशी कांवड़ियों को देखने जाते थे। लेकिन धीरे इन कांवड़ियों के रूप में कुछ आतंकी गुंडों ने डर का माहौल कायम कर दिया और लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुहाल हो गया।
कांवड की शुरूआत से दंगे, मारपीट, तोड़फोड़ मचाते हुए आतंकी कांवड़ियों ने ऋषिकुल (हरिद्वार) पर लड़की की स्कूटी की जरा सी टक्कर पर सब कांवड़ियों ने मिलकर एक लड़की को बुरी तरह पीटा।
कांवड़ियों के रूप में इन आतंकी गुंडों को संरक्षण प्राप्त है सरकार का। यह संपूर्ण तरीके से मनमानी कर सकते हैं, सरकारी गैर सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचा सकते हैं, प्रदेश के कानून व्यवस्था ऑनलाइन ऑर्डर को यह तार तार कर सकते हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश के चीफ मिनिस्टर अपने भाषण में कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यकों खासतौर से मुसलमानों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

उनके इसी कार्य कारनामों से शासन और प्रशासन इतना प्रसन्न होता है कि इन पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाती है। इन्हें उत्पात मचाने, मारपीट करने दंगा फसाद करने का लाइसेंस जो मिला हुआ है।
“कांवड़ यात्रा मत उठाना
तुम ज्ञान का दीप जलाना…”
इतनी कविता पढ़ने में एक प्रोफेसर के ऊपर हिंदुओं के महान ठेकेदारों ने मुकदमा ठोक दिया।

कावड़ियों के आने जाने में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो, इसलिए भारत सरकार को सावन के महीने में पूरे देश में कर्फ्यू लगा देना चाहिए।