
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी के बीच लोगों के पास सांस लेने तक की फुर्सत नहीं है। ऐसे में हेल्थ कही पीछे छूट जाता है। स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ब्रिस्क वॉकिंग सबसे आसान और मुनासिब तरीका है।
ब्रिस्क वॉकिंग यानी मध्यम गति से चलना मतलब न तेज, न धीमा। आसान शब्दो में कहूं तो लगभग 100 कदम प्रति मिनट और जब आप ऐसा करते हैं तो शरीर से पसीना निकलने लगता है और आप ज्यादा से ज्यादा कैलोरी बर्न कर सकते हैं।
ब्रिस्क वॉक करने से मोटापा कम करने, वजन घटाने, स्ट्रेस को कम करने जैसे कई फायदे शरीर को मिलते हैं। रोजाना ब्रिस्क वॉक करने से हृदय की समस्या, मधुमेह (डायबिटीज) और कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे मूत्राशय, स्तन और पेट के कैंसर का जोखिम कम होता है।
ब्रिस्क वॉक सेहत पर सकारात्मक असर डालती है और दिमाग़ भी तनाव रहित रखने में मदद करती है। नींद भी बेहतर और खुल के आती है। जोड़ों से जुड़ी बीमारियों में फ़ायदा मिलता है। नियमित रूप से 30 मिनट तक ब्रिस्क वॉक करने से जोड़ों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और उनका काम बेहतर होता है।
फिर भी अधिक उम्र दराज और घुटने की तकलीफ़ से परेशान व्यक्ति को ब्रिस्क वॉक से परहेज करना चाहिए, हृदय रोग के मरीजों को भी ब्रिस्क वॉक से दूर रहना चाहिए। मधुमेह के मरीज को ब्रिस्क वॉक खाने के बाद करनी चाहिए, शुगर का स्तर नियंत्रित रखने में काफी मदद मिलती है। याददाश्त में सुधार होता है। रोज़ाना ब्रिस्क वॉक करने से याददाश्त को घटने से रोका जा सकता है और उसे बेहतर बनाया जा सकता है। रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। ब्रिस्क वॉक के लिए हमेशा अच्छी क्वालिटी के स्पोर्ट शूज़ ही पहनने चाहिए, पैरों को आराम रहता है और इस से रक्त संचार भी बढ़ता है।
Dheeraj Fulmati Singh

