सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद कुमार दुबे की कलम से

ऐसा देश है मेरा,  दो देवी — नौ देवी

हसीना बेगम अपनी मौसी कुरसिया बेगम को साथ लेकर आई। मैंने बताया ऑपरेशन होगा, बोली नौ दुर्गा के बाद कराएंगे, मैं चौंका. तुम्हें नौ दुर्गा से क्या लेना देना? बोली हमारी दुकान है। फल, फूल, माला, चुनरी, सजावट के सामान की। नौ दुर्गा में बहुत बिक्री होती है।

मैंने कहा, आप बैठती हैं क्या दुकान पर? बोली वैसे नहीं, पर देवी के दिनों में मैं ही संभालती हूं दुकान। मैंने पूछा ऐसा क्यों?बोली मेरे शौहर व्रत नहीं रखते, मैं रखती हूं इसलिए देवी पूजा का सामान मैं ही देती हूं ग्राहकों को। इन दिनों अपने शौहर को दुकान से दूर रखती हूं।

मैं मुस्करा कर उन्हें देखता ही रहा। क्या कमाल का देश है हमारा। अब नौ देवी के त्यौहार के ख़त्म होने की राह देख रहा हूं कि नौ देवी दो देवी बन कर मेरे पास ऑपरेशन के लिए आएंगी।

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