हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ स्थित आयुर्वेद भवन के सभागार में सम्पन्न हुआ। पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज में शिक्षारम्भ व उपनयन संस्कार समारोह कार्यक्रम के अवसर पर पतंजलि योगपीठ के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामदेव जी ने नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप अपने शरीर, इन्द्रियों, मन, मस्तिष्क व अपनी सोच को ऐसे ट्रेण्ड करो कि अपने भीतर एक विराट व्यक्तित्व को जिओ।


अनुभव करो कि मैं महर्षि चरक, पाणीनी व धन्वंतरी का प्रतिनिधि हूँ। आपको उपचार के नाम पर अत्याचार करने वाला डॉक्टर नहीं बनना है। स्वामी जी ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज उत्तराखण्ड ही नहीं देश के श्रेष्ठ कॉलेज में से एक है। हमारी ग्रेडिंग भी ‘ए’ ही आई है। इसके लिए पूज्य आचार्यश्री जी, प्राचार्य अनिल जी, हमारे सभी गुरुजनों व विद्यार्थियों का अभिनन्दन किया।
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण जी ने कहा कि विद्या अध्ययन के समय विद्यार्थी ब्रह्मचारी या ब्रह्मचारिणी के रूप में विद्या अध्ययन के साथ-साथ संसार के विकारी भावों को त्यागकर श्रेष्ठ मार्ग की ओर प्रवृत्त होने के लिए आचार्य के सम्मुख संकल्पबद्ध होता है। आपका लक्ष्य विद्या अध्ययन कर आयुर्वेद का विशेषज्ञ बनना है। आप सभी को एक व नेक मार्ग में साथ चलना है। यही हमारी संस्कृति व परम्परा है।
कार्यक्रम में पतंजलि विवि की मानविकी संकायाध्यक्षा साध्वी आचार्या देवप्रिया, क्रय समिति अध्यक्षा बहन अंशुल, संप्रेषण विभागाध्यक्षा बहन पारूल, मुख्य महाप्रबंधक ब्रिगेडियर टी.सी. मल्होत्रा, प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार, महाविद्यालय के प्राचार्यगण व विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।