अगर आप लगातार 20 साल तक ड्राइव ना करें, एक भी गाड़ी ना चलाएं और फिर अचानक आपको ड्राइव करना पड़े तो आपके हाथ कांपेंगे। Flow में आने में वक्त लगेगा।
अगर cooking करना छोड़ दें और एक महीने बाद कुछ try करें तो मसाले ऊपर नीचे हो जाते हैं, पहली दो रोटियां तो कच्ची पक्की हो जाती हैं। मतलब, कुछ न कुछ ऊपर नीचे होता ही है।
कहने का मतलब ये कि साधारण से साधारण काम भी सतत् अभ्यास मांगता है, अभ्यास छूटा कि काम से पकड़ छूटी।
तो फिर ऐसे में 20-22 साल की उम्र में ग्रेजुएट हुए लोग खुद को 40-50-60 की उम्र में ग्रेजुएट कैसे कह पाते हैं जबकि पिछले दो, तीन, चार दशकों में उन्होंने किसी किताब को हाथ भी ना लगाया हो, कुछ नया ना सीखा हो बल्कि सीखा हुआ सब कुछ भूल चुके हों।
बाकी सब कामों की तरह शिक्षित बने रहना भी सतत प्रक्रिया है, अपनी डिग्री का रौब छोड़िए और रोज कम से कम 10 पेज किसी नई किताब के पढ़िए, कुछ नया सीखिए, नहीं तो आपमें और पांचवी पास बच्चे में कोई ख़ास फर्क़ नहीं है।
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