हरिद्वार। आज हनुमानगढ़ी मंदिर हरिद्वार में श्रावणी उपाकर्म पर्व अनुष्ठान भव्यता सादगी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रात:काल ब्राह्मणों के समूह ने प्रायश्चित हेतु हेमाद्री संकल्प माध्यम से माॅ भागीरथी के पश्चिमी तट राजघाट कनखल में शास्त्रोक्त विधि से स्नान किया। पुन: मंदिर प्रांगण में सनातन संस्कृति संकल्प बद्ध होकर ऋषि तर्पण कर आगामी पूर्ण वर्ष धारण करने योग्य यज्ञोपवीत तंतुओं का अनुसंधान किया।

प्राच्य विद्याओं के वैज्ञानिक हनुमानगढ़ी मंदिर के आचार्य डा.पं.आनंद बल्लभ जोशी ने भक्त वृंदों को रक्षा धारण कराते हुए कहा कि श्रावणी उपाकर्म आत्मशुद्धि, वेदों का अध्ययन, ऋषियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन के साथ साथ सामाजिक सम्बन्ध नैतिक उत्तरदायित्व एवं संस्कृति संस्कार का पर्व है, प्रत्येक द्विज को आज रक्षा बंधन के साथ साथ नूतन यज्ञोपवित धारण, ऋषियों का तर्पण कर संस्कृति का संवर्धन करना चाहिए।
अनुष्ठान में आचार्य डा.आनंद बल्लभ जोशी, गिरीश चंद्र जोशी, मार्कण्डेय सेमवाल, गजाधर शास्त्री , हरीश पौखरिया, विपिन चंद्र भट्ट, योगेश महतोलिया प्आरमोद सेमवाल आदि विप्र उपस्थित रहे।