मंगलौर 17 नवंबर।
इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ संध्या शर्मा ने कहा है गर्भधारण करने के लिए महिलाओं में ओवुलेशन समय पर बनना और पीरियड का नियमित होना जरूरी है।असंतुलित आहार, अव्यवस्थित जीवन शैली, पोषण की कमी, खराब आदतें गर्भाशय और प्रजनन क्षमता को कमजोर बना देती हैं। मेडिकल साइंस में गर्भधारण का सही समय 18 वर्ष से 28 वर्ष बताया गया है।

मंगलौर स्थित कपूर अस्पताल मे नि:संतान दम्पतियों के परमार्श हेतु नि:शुल्क कैम्प का आयोजन किया गया। कैम्प मे डॉ भूमिका कपूर ने डॉ संध्या शर्मा का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। डॉ संध्या शर्मा ने बताया महिलाओं में प्रजनन क्षमता समस्या बन रही है। देर में शादी होने के कारण अंड़ेदानी की कमजोरी की समस्या देखने में आ रही है। अंड़ेदानी खाली होने पर एग्ग कमजोर हो जाते हैं और गर्भधारण होने में समस्या हो जाती है। अंड़ेदानी में यह समस्या देखने के लिए कुछ टैस्ट भी होते हैं तथा अल्ट्रासाउंड द्वारा भी इनका पता लगाया जाता है कि एग्ग कितनी मात्रा में हैं।
डॉ संध्या शर्मा ने बताया पीरियड के दौरान कुछ टैस्ट होते हैं। टैस्ट रिपोर्ट्स देखने के बाद उपचार का तरीका बताया जाता है। आजकल अनेक प्रोसेसर चल रहे हैं, जैसे डबल स्टिमुलेशन द्वारा एग्ग बनाना और अंड़ेदानी में इंजेक्शन से दवा डालना। इस तरह की तकनीक आजकल उपलब्ध है। लेकिन समय से शादी करना सबसे अच्छा उपाय है। एक्सरसाइज और अच्छे खान-पान का भी महत्व है रोज एक्सरसाइज करें कि आपको पसीना आए और यह लगातार व रेगुलर करना चाहिए। खान-पान का ध्यान भी जरूर रखना चाहिए।
मैदा, तला भुना भोजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। स्मोकिंग तथा शराब से भी परहेज करना चाहिए। इनका सेवन करते हैं उनकी अंड़ेदानी बुरी तरह से प्रभावित होती है और उनके एग्ग कमजोर हो जाते हैं, जिससे गर्भधारण की क्षमता पर फर्क पड़ता है। बुरी आदतों को छोड़ना चाहिए, जैसे कि तंबाकू और शराब इत्यादि। इस तरह से आप अपनी फर्टिलिटी बढ़ा सकते हैं और बच्चे होने में समस्या का समाधान पा सकते हैं। सबसे अच्छा है कि शादी समय पर करें।
कपूर अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ भूमिका कपूर ने बताया इस प्रकार के कैंप महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करते हैं और महिलाओ की समस्याओं का समाधान भी होता है।