वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहींवे अभागे आस्था, विश्वास लेकर क्या करें.

लोकरंजन हो जहां शम्बूक- वध की आड़ में
उस व्यवस्था का घृणित इतिहास लेकर क्या करें.

गर्म रोटी की महक पागल बना देती मुझे
पारलौकिक प्यार का मधुमास लेकर क्या करें.

देखने को दें उन्हें अल्लाह कम्प्यूटर की आंख
सोचने को कोई बाबा बाल्टी वाला रहे.

एक जनसेवक को दुनियों में ‘अदम’ क्या चाहिए
चार छह चमचे रहें, माइक रहे, माला रहे.

-अदम गोंडवी

कार्टून, प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट Kajal Kumar जी का👌

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